http://www.attitude-status.ml/sitemap.xml?page=1http://www.attitude-status.ml/sitemap.xml?page=2 Sarfaroshi ki tamanna ab hamare dil me hai -Ram Prasad Bishmil - Tanveer Malik - Attitude Status | and All Type Poetry

Tanveer Malik - Attitude Status | and All Type Poetry

Urdu Poetry, Urdu Sad Poetry, Urdu Romantic Poetry, Sad Urdu Poetry, Romantic Poetry, Heart Touching Poetry, Love Poetry, New Urdu Poetry, Urdu Ghazal, Urdu Ghazal Poetry, Ghazal Poetry, Pashto Poetry, Pashto Sad Poetry, Pashto Romantic Poetry, Sad Pashto Poetry, Romantic Pashto Poetry, Attitude Status, Attitude Status In Hindi and Urdu , ETC

BREAKING NEWS

LightBlog

Breaking

Monday, March 16, 2015

Sarfaroshi ki tamanna ab hamare dil me hai -Ram Prasad Bishmil

सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में है




करता नहीं क्यूँ दूसरा कुछ बातचीत,
देखता हूँ मैं जिसे वो चुप तेरी महफ़िल में है
ऐ शहीद-ए-मुल्क-ओ-मिल्लत, मैं तेरे ऊपर निसार,
अब तेरी हिम्मत का चरचः ग़ैर की महफ़िल में है
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है



वक़्त आने पर बता देंगे तुझे, ए आसमान,
हम अभी से क्या बताएँ क्या बिसमिले दिल में है
खेँच कर लाई है सब को क़त्ल होने की उमीद,
आशिक़ोँ का आज जमघट कूचः-ए-क़ातिल में है
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है

है लिए हथियार दुशमन ताक में बैठा उधर,
और हम तय्यार हैं सीना लिये अपना इधर.
ख़ून से खेलेंगे होली गर वतन मुश्किल में है,
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है

हाथ, जिन में हो जुनून, कटते नही तलवार से,
सर जो उठ जाते हैं वो झुकते नहीं ललकार से.
और भड़केगा जो शोलः सा हमारे दिल में है,
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है




हम तो घर से ही थे निकले बाँधकर सर पर कफ़न,
जाँ हथेली पर लिये लो बढ चले हैं ये कदम.
जिन्दगी तो अपनी मॆहमाँ मौत की महफ़िल में है,
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है

यूँ खड़ा मक़्तल में क़ातिल कह रहा है बार-बार,
क्या तमन्ना-ए-शहादत भी किसी के दिल में है?
दिल में तूफ़ानों की टोली और नसों में इन्क़िलाब,
होश दुश्मन के उड़ा देंगे हमें रोको न आज.
दूर रह पाए जो हमसे दम कहाँ मंज़िल में है,

जिस्म भी क्या जिस्म है जिसमें न हो ख़ून-ए-जुनून
क्या लढ़े तूफ़ान से जो कश्ती-ए-साहिल में है
सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है
देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में है

No comments:

Post a Comment